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  • हेपेटाइटिस या पीलिया के घरेलू उपाय

    पीलिया रोग ज्यादातर पानी की अशुद्धि के कारण होता है। इसका मुख्य कारण शरीर में सही ढंग से खून का नहीं बनना है। इस कारण शरीर में पीलापन आ जाता है। सबसे पहले आंखों में पीलापन आता है उसके बाद शरीर ओर मूत्र पिला होता है। भूख ना लगना, भोजन को देखकर उल्टी आना, मुंह का स्वाद कड़वा होना, नाड़ी की गति धीरे चलना आदि लक्षण है। इसके साथ साथ शरीर में खुजली, अनिद्रा और कमजोरी महसूस होती है। हेपेटाइटिस या पीलिया के घरेलू उपाय –

    हेपेटाइटिस या पीलिया के घरेलू उपाय

    हेपेटाइटिस A या E तक या पीलिया की बीमारियों की सबसे अच्छी दवा है चुना । गन्ने के रस में या मोसंबी, संतरा, अंगूर के रस में मिलाकर देने से लगातार 15 दिन में ये बीमारी ठीक हो जायेगीं।

    कड़वे नीम के कोमल पतों का रस निकालकर उसमें मिश्री मिलाकर गर्म करे। ठंडा होने पर रोगी को पिलाए। पीलिया जड़ से खत्म हो जाएगा।

    त्रिफला चूर्ण शहद में मिलाकर सुबह शाम चाटने से पीलिया में काफी लाभ होता है।

    बेल के पतों का रस निकालकर उसमें चुटकी भर काली मिर्च का चूर्ण मिलाए और सुबह शाम दो दो चम्मच पीए।

    बथूए के बीज का चूर्ण बनाकर सुबह शाम एक एक चमच पानी के साथ ले।

    पीलिया होने पर Nux Vomica-30 दो दो बूंद दिन में तीन बार दस से बारह दिन तक ले।

  • आँखें दुखना, आंखों की सूजन एवं जलना के घरेलू उपाय

    आँखें दुखना, आंखों की सूजन एवं जलना अधिक ठंड, अधिक गर्मी या आंखों में धूल जाने से या आंखों में किसी संक्रामक बीमारी के कारण दर्द होना शुरू हो जाता हैं। और आंखे खराब हो जाती है। इस कारण आंखे लाल हो जाती है और पानी निकलता है। इस दर्द ओर सूजन को दूर करने के लिए घरेलू उपाय नीचे है।

    आँखें दुखना, आंखों की सूजन एवं जलना के घरेलू उपाय

    सफेद प्याज का रस आंखों में लगाने से दर्द में कमी होती हैं।

    त्रिफला चूर्ण , घी ओर शहद मिलाकर खाने से आंखों की बीमारी दूर होती है।

    देशी गाय का घी आंखों में में लगाने से जलन दूर होती है।

    गुलाब जल में फूली फिटकरी डालकर आंखों को धोने से जलन और सूजन खत्म होती हैं। केवल गुलबजल डालने से भी राहत मिलती है।

    बथूए के रस को एक एक बूंद करके आंखों में डाले।

    तुलसी के पतों का रस भी आंखों के लिए लाभकारी है। बेल की पतियों का रस भी लाभकारी है।

    त्रिफला चूर्ण का सेवन शहद के साथ करें तथा रात में भिगोए हुए त्रिफला के पानी से आंखे धोए। बहुत आराम मिलेगा।

    सही आहार का सेवन करे। सलाद ज्यादा खाए।

    पर्याप्त नींद ले। इससे भी आंखों को आराम मिलता है।

    ऊपर बताए गए सभी उपाय आप घर पर आसानी से कर सकते है। इनके कोई साइड इफेक्ट नहीं है।हमारी वेबसाइट में आपकी आयुर्वेद की सारी जानकारी मिलेगी। ओर घरेलू उपाय भी आपको बताए जाएंगे।

  • एक्जिमा और सोराइसिस के उपाय

    एक्जिमा और सोराइसिस के उपाय

    लार में 18 पोषक तत्व होते है जो कि मिट्टी में होते है।
    शरीर पर किसी भी प्रकार के दाग – धब्बे हो, सुबह की लार लगाने से ठीक हो जाते हैं। एक्जिमा और सोराइसिस जैसी बीमारियों को लार से ठीक कर सकते है।

    गोमूत्र पीने से त्वचा के सभी रोग ठीक होते है, जैसे सोराइसिस, एक्जिमा, खुजली, खाज, दाद जैसे सब तरह के रोग ठीक होते है। गोमूत्र से हड्डियों के रोग भी ठीक होते है।

    शरीर में दाग व धब्बे तभी होते है जब हमारे शरीर में खून खराब होता है। आप सबसे पहले गाजर का जूस या अनार का जूस रोजाना पीए। रोजाना व्यायाम करे। आहार में हरी सब्जियां शामिल करें। शरीर में खून को साफ करें। जिससे आपको त्वचा संबंधी कोई रोग नहीं होंगे।

  • याददाश्त कम होना , याददाश्त तेज करने के घरेलू उपाय

    कमजोर स्मरण शक्ति आजकल ज्यादातर सभी युवाओं में देखने को मिलती है। बुढ़ापे में भी आजकल इसकी शिकायत रहती है। अत्यधिक चिंता या भय होने पर अथवा क्रोध करने पर या अत्यधिक पढ़ने पर स्मरण शक्ति कम होती है।

    याददाश्त तेज करने के घरेलू उपाय

    शंखपुष्पी को पीसकर चूर्ण बनाए और 250 ग्राम दूध में आधा चमच शंखपुष्पी और 1 चम्मच शहद मिलाकर सुबह ले।

    रोजाना सुबह गाय के दूध के साथ 1 आंवले का मुरब्बा लेने से याददाश्त तेज होती है।

    गाय के दूध में 8 या 10 खजूर उबालकर पीने से भी याददाश्त तेज होती है।

    गाय के दूध में मुलहठी का 1 चम्मच चूर्ण डालकर पीए।

    आम का रस, अदरक का रस और तुलसी के पतों का रस बराबर मात्रा में लेकर शहद के साथ उपयोग करे।

    स्वस्थ भोजन लेवे जैसे के ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सिडेंट्स, और प्रोटीन लें। जैसे नट्स, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, और फल।

    सुबह व्यायाम करे इससे रक्त संचार बेहतर बनता है याददाश्त और फोकस में सुधार होता हैं।

    पर्याप्त नींद ले इससे भी स्मरण शक्ति बढ़ती है।

    तनाव कम करे।

    ये सभी स्मरण शक्ति मजबूत करने के उपाय है। जो आप घर पर कर सकते है।

  • कमर दर्द के घरेलू उपाय

    आजकल ज्यादातर लोगों को कमर दर्द की शिकायत रहती है। महिलाओं को श्वेत प्रदर या मासिक धर्म के कारण कमर दर्द रहता है। तथा पुरुषों को अधिक काम करने या गलत तरीके से उठने बैठने से होता है।

    कमर दर्द के घरेलू उपाय

    सरसों के तेल में सोंठ डालकर गर्म करे या मालिश करे।

    एरड के पत्तों पर सरसों का तेल लगाकर हल्का गर्म करें और उसे कमर पर बांधे। यह सबसे कारगर उपाय है।

    पीपल की छाल का काढ़ा सुबह शाम लेवे।

    सरसों के तेल में थोड़ा कपूर डालकर धूप में गर्म करके कमर पर मालिश करें।

    सरसों के तेल में लहसुन की कुछ कलियाँ लेकर गर्म करें और फिर इसे ठंडा होने दे। बाद में इसे कमर पर मालिश करें।

    बैठते ओर उठते समय थोड़ा ध्यान रखें ।

    गर्म पानी से स्नान करे जिससे मांसपेशियां को आराम मिलता है।

    सबसे अच्छा उपाय आप रोजाना आसन और प्राणायाम करें, कमर दर्द के लिए कुछ विशेष आसन भी है। किसी अच्छे चिकित्सक की सलाह ले सकते है।

  • आधा सीसी (माइग्रेन) के घरेलू उपाय

    आधा सीसी (माइग्रेन)

    आधा सीसी का दर्द ज्यादातर दिन में होता है। यह अत्यधिक मानसिक श्रम, पेट में वायु के बने रहने से, शरीर में धातु दोष होने से होता है। यह पुरुषों से ज्यादा स्त्रियों में अधिक होता है। आधा सीसी का रोग सिर के आधे हिस्से में होता है। काफी तेज दर्द होता है।

    आधा सीसी (माइग्रेन) के घरेलू उपाय

    मेंहदी की पतियों को पीसकर माथे पर लेप लगाए।

    दर्द के समय नाक में सरसों का तेल डालकर ऊपर की ओर खींचे इससे काफी आराम मिलता है।

    देशी गाय का घी नाक के नथुनों में डाले।

    एक चुटकी नौशादर और आधा चमच अदरक का रस शहद में मिलाकर रोगी को चटाए

    ये सभी आधा सीसी के घरेलू उपचार है। इनसे कोई साइड इफेक्ट नहीं है।

  • वात, पित और कफ के उपाय

    त्रिदोष वात, पित,कफ के उपाय

    त्रिदोष एक पूर्ण वैज्ञानिक सिद्धांत है। जो आयुर्वेद की एक अद्भुत खोज है। त्रिदोष का मतलब है वात , पित और कफ । यदि त्रिदोष समावस्था में है तो शरीर स्वस्थ होगा और विषमावस्था में है तो अस्वस्थ होगा।

    व्यक्ति के लिए सही इसी में है कि वह जितना संभव हो सके रोग के बचने का प्रयास करें। न कि रोग होने बाद डॉक्टर के पास जाए । इलाज से बचाव सदा ही श्रेष्ठ है। त्रिदोष से बचने के लिए ऋतुचर्या , आहार, विहार और दिनचर्या का पालन आवश्यक है।

    भारत में 70 से 75 प्रतिशत लोगों को वात रोग है। रोज हमारे शरीर में वात, पित और कफ की स्थिति स्थिर नहीं रहती। सुबह वात अधिक होता है, दोपहर में पित हावी होता है, शाम को कफ की अधिकता होती है।

    वात, पित, कफ शरीर के ऐसे दोष है जिनके बिना शरीर काम ही नहीं कर सकता। मौषम के हिसाब से शरीर में इसकी स्थिति होनी चाहिए।

    वात/ वायु का स्थान है कमर से अंगूठे तक , पित का स्थान कमर से छाती तक ओर कफ का स्थान छाती से सिर तक । ये तीनों अपने स्थान से हिलने नहीं चाहिए । तभी आदमी स्वस्थ रह सकता है।

    वात, पित और कफ के उपाय –

    मौषम के अनुसार दिनचर्या होनी चाहिए।
    खाना मौसम के अनुसार खाना चाहिए।
    तभी इनसे बचा जा सकता है।

  • अश्वगंधा के फायदे

    अश्वगंधा के फायदे

    अश्वगंधा एक औषधीय पौधा है, जो आयुर्वेद में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।

    अश्वगंधा के फायदे

    तनाव को कम करना: अश्वगंधा हमारे शरीर में तनाव हार्मोन को कम करता है। जिससे मानसिक तनाव कम होता है।

    ऊर्जा बढ़ाने में मदद करता है

    यह शरीर की थकान को कम करता है और हमें ऊर्जा व ताकत बढ़ाता है। जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।

    अश्वगंधा खाने से आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

    अश्वगंधा हमारी मांसपेशियां मजबूत करता है। ऊर्जा देने के साथ साथ यह हमारे शरीर की हड्डियां भी मजबूत करता है।

    नींद के लिए अश्वगंधा
    अश्वगंधा नींद में भी कारगर है। इसे खाने से गहरी व अच्छी नींद आती है।

    अश्वगंधा अनेकों बीमारियों से भी लड़ता है। ओर हमें बचाता है। अश्वगंधा शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्धक काम करता है।

    सेवन विधि

    रात को सोते समय दूध के साथ दो चमच अश्वगंधा ले।
    चाहे तो आप सुबह भी ले सकते है।
    और आप डॉक्टर की सलाह से भी ले सकते है।

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